Indian digital currency in hindi

Indian digital currency:  देश में digital इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पायलट project के तौर पर Digital currency की शुरूआत कर दी है। लोगों का ऐसा मानना है कि आने वाले समय में यह एक game changer साबित हो सकता है। नकली currency को रोकने के लिए ई – रुपये की बड़ी भूमिका हो सकती है। सरकार का रुपये छापने का ख़र्च भी घटेगा। सरकार को रुपये छापने और उसके रखरखाव के लिए हर साल लगभग 6000 करोड़ रुपये खर्च हो जाता हैं। Digital currency लागू होने पर सरकार को इस खर्च में काफी कमी आएगी। Digital currency से नकली currency पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी।

CBDC क्या है?(What is digital currency in India)

Central Bank Digital Currency RBI द्वारा जारी की गई Digital currency है। इस Indian digital currency को आरबीआई के द्वारा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( CBDC ) का नाम दिया गया है। CBDC आरबीआई का एक लीगल टेंडर है जो बैंक के द्वारा जारी किया गया करंसी है। CBDC एक तरह से किसी भी देश के ऑफिशियल करेंसी का डिजिटल टोकन या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड होता है। दुनिया भर से इस इंडियन डिजिटल करेंसी को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। केंद्रीय बैंक ने हमारे रुपए को डिजिटल और कैशलेस बनाने के लिए यह तरीका अपनाया है।

Indian digital currency name

इस Indian digital currency को आरबीआई के द्वारा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( CBDC ) का नाम दिया गया है।

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भारत में अभी जितने तरह के करेंसी जैसे ₹5 , ₹10, ₹50, 100₹ या ₹500 उपलब्ध है उतना ही यूनिट के डिजिटल करेंसी में भी उपलब्ध होगा

अभी CBDC के पायलट प्रोजेक्ट को भारत के 4 शहरों मुंबई नई दिल्ली बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है

इसके पहले चरण के शुरुआत में पूरे देश भर में 4 बैंक SBI BANK, ICICI BANK, YES BANK, HDFC BANK को शामिल किया गया है बाद मे धीरे-धीरे और सभी बैंक को शामिल किया जाएगा।

Indian digital currency launch date

Indian digital currency दिनांक 1 दिसंबर 2022 से भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई द्वारा launch किया गया।

पायलट प्रोजेक्ट में कौन-कौन से bank और शहर होंगे शामिल

पहले चरण की शुरुआत, देश भर में 1 दिसंबर 2022 से हो गई है। देश भर में 4 शहरों में State Bank of India , आईसी आईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगा। इसके बाद Bank of Baroda , Union Bank of India , Hdfc bank , और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट project में शामिल किया जाएगा।

किन-किन शहरों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट-

मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुनेश्वर मे शुरू किया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट। तब धीरे-धीरे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार किया जाएगा।

Digital Rupees (₹) के नुकसान और फ़ायदे

फ़ायदे –(Advantages of Indian Digital Currency)

  1. Tax चोरी नहीं हो पाएगा जिससे सरकार को tax collection में भारी भरकम इजाफा होगा।
  2. Digital अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में Digital रुपया बहुत ज्यादा मददगार साबित हो सकता है।
  3. लोगों को जेब में cash लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  4. इस रुपए को physically चुराया नहीं जा सकता।
  5. Mobile wallet की तरह ही इसमें payment करने का सुविधा होगा।
  6. विदेशों में पैसा भेजने की लागत में भी कमी आएगी।
  7. Digital रुपया को बैंक मनी और Cash में आसानी से convert कर पाएंगे।

नुकसान- (Disadvantages of Indian digital currency)

  1. Digital रुपए के नुकसान के बारे में बात किया जाए तो इसका सबसे बड़ा नुकसान यह माना जा रहा है कि इससे बेरोज़गारी के दुनिया में और अधिक बेरोजगारी बढ़ सकता है क्योंकि इससे bank कर्मचारियों का इतना जरूरत नहीं पड़ेगा जितना कि इस समय जरूरत पड़ रहा है।
  2. Digital currency पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा। इस पर RBI का कहना है कि डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया जाए तो currency market में स्थिरता ला सकती है।
  3. आमतौर पर cash लेनदेन करने से पहचान गुप्त रहती है लेकिन Digital transection पर सरकार की पैनी नज़र रहेगी।

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